झारखंड मे राष्ट्रपतिशासन की अवधि छह महीनों के लिए बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा के दौरान बार-बार झरिया की कोयला खानों में लगी भूमिगत आग और उससे उत्पन्न खतरे की बात आई। लेकिन झारखंड के किसी भी प्रमुख अखबार में यह खबर नहीं है।
अलबत्ता यह खबर जरूर है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तथा जमशेदपुर के सांसद अर्जुन मुंडा ने राष्ट्रपतिशासन की अवधि बढ़ाए जाने के सवाल पर कितना अच्छ भाषण दिया। हालांकि उसके साथ ही यह खबर भी नहीं है कि श्री मुंडा की बातों की कांग्रेस के जगदंबिका पाल ने किस तरह धज्जियां उड़ाई और मुंडा की बातों के जबाव में ऐसे-ऐसे सवाल व तथ्य प्रस्तुत किए कि राजग की बोलती बंद हो गई।
पता नहीं क्यों, झारखंड के अखबार वाले लोकसभा की कार्यवाही तब भी नहीं देखते जब पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक उनके राज्य की चर्चा हो रही होती है। टेलीफोन पर किसी सांसद ने बता दिया कि उन्होंने लोकसभा में या दिल्ली में क्या कहा और क्या किया, ज्यादातर अखबार वाले उन्हीं बातों को ले उड़ते हैं ऐसे जैसे उन्होंने कोई तीर मार ली हो और अखबार की सुर्खियां बन जाती हैं। उन बातों में तथ्य हो अथवा नहीं।
1 comment:
अच्छी खबर है। झारखंड के अखबारवाले शायद इस खबर से सबक लें।
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